चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे भगवान श्री राम को अयोध्या का राजा बनाया गया। श्री राम अपने भाइयों लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और अपनी अर्धांगिनी माता सीता के साथ राज गद्दी पर विराजमान हुए। इस दौरान रामभक्त हनुमान ने उनकी चरण सेवा की।
श्री रामलीला कमेटी हल्द्वूचोड़ में अंतिम दिन रावण दरबार के साथ मंचन की शुरुआत हुई। मंत्रों से राम-लक्ष्मण को बेहोश कर अहिरावण उन्हें पाताल लोक ले जाता है। इसके बाद हनुमान वहां पहुंच दोनों भाइयों को छुड़ाते हैं। बाद में अहिरावण व रावण वध के बाद राम राज्याभिषेक की लीला का मंचन हुआ। कमेटी अध्यक्ष कैलाश दुमका ने बताया कि शनिवार को तिल पात्र व भंडारे का आयोजन होगा।
इस दौरान मंच पर हल्दूचौड़ रामलीला कमेटी अध्यक्ष कैलाश चंद दुमका , कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक नवीन दुमका एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल , ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष गोपाल अधिकारी, संरक्षक मंडल के उमेश चंद्र कब्डवाल,नंदन दुर्गापाल, इंद्र सिंह बिष्ट , भुवन सिंह पवार ,ग्राम प्रधान निर्मला जग्गी पवार ,ग्राम प्रधान राधा कैलाश भट्ट, ग्राम प्रधान मुकेश दुमका, भाजपा मंडल अध्यक्ष रोहित दुमका,क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र तिवारी,हरीश बिष्ट, दया किशन बमेटा ,दया किशन का कब्डवाल संजय दुमका, मीडिया सलाहकार योगेश दुमका, सामाजिक कार्यकर्ता पंकज फुलारा,वरिष्ठ समाज सेवी रमेश चंद तिवारी , कैलाश बमेटा, राजन बिष्ट,अमन सुनाल, पियूष बृजवासी,कपिल राणा ,जसवीर उत्तराखंडी ,राहुल दुमका, कार्तिक बमेटा , नवीन बमेटा, गुड्डू बमेटा , बब्बू दुमका आदि मौजूद रहे।